Some songs are like that – they make you ponder and wonder . This thread tries to capture them. Here is to start off !
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना हैएक धुँध से आना है, एक धुँध में जाना हैये राह कहाँ से है, ये राह कहाँ तक हैये राज़ कोई राही समझा है न जाना हैसंसार की हर शय का…एक पल की पलक पर है, ठहरी हुई ये दुनियाएक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना हैसंसार की हर शय का… |
क्या जाने कोई किस पल, किस मोड़ pe क्या बीतेइस राह में ऐ राही, हर मोड़ बहाना हैसंसार की हर शय का…हम लोग खिलौने हैं, एक ऐसे खिलाड़ी केजिसको अभी सदियों तक, ये खेल रचाना हैसंसार की हर शय का… |
Still Looking !
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