Category: Sher

Awara Patta

ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बख्शा….वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता ! Want your Shers published like this at our Website ? Send them in…

Waqt

वक़्त का काफिला आता है गुज़र जाता है, आदमी अपनी मंज़िल पर ठहर जाता है, किसी की बिगड़ी हुई किस्मत पे मत हंसना… वक़्त आने पर वो संभल जाता है…

Jindagi….

कुछ इस तरह से उस फ़कीर ने ज़िन्दगी की मिसाल दी…इक मिट्टी धूल ली .. और हवा में उछाल दी…. (somewhat like this, that Faqir told me what life is…(he)…

In passing…

बरसों बाद तेरे करीब से गुज़रे… जो न संभलते तो गुज़र ही जाते……! ====== barson baad tere kareeb se guzare… jo na sambhlate to guzar hee jaate……! … Share Shers…

Meel ke pathar

उन मील के पत्थरों पे लिखे तो थे कुछ मंज़िलों के फ़ासले…. ….गर हम जिधर मुड़ चलें हैं, वो राह ही मंज़िल है.. === un meel ke pattharon pe likhe…